________________
-
-
अथ महामेरु मंडोवराधिकार
कुंमि उदंबरांते च स्तंभ शिरं च जंघयोः। पढेंच उद्गमांतेन शेष भूमि विराजिते ॥२८॥ प्रथमं खुटछाद्यं च उद्गमं छाद्यकी समम् । द्वितिया तृतीया भूमिपट्टवै छाद्यकी समौ ॥२९॥
.
पई
THE
F
1.0
वेदिका
Aasel:
- Y ifR Naso ayuuture चार साल पर सामानोसमन्वय साना सामे सांधार पसारा मंडरा राका साथ समन. सांधार-निरंधार प्रासादका मंडोवर के साथ स्तम्भका छोडका समन्वय
नीचे-कामदपीठ और महापीठ-खुला मंडपका पीठ प्रकार तर-4) ५८वेपट छाय. पाठांतर-(घ) पटवेपट छाद्यके (५) उन (६) मञ्चोक्त,