________________
लाट, ४ वराट, ५ द्राविड, ६ गौड ये छः प्रथायें बताई है । लक्षणसमुच्चयकारने विधि स्वरूपानुसार दूसरी छः जातियाँ बताई हैं। जिसके अनुसार १ लतिन, २ कुटिन, ३ शेखरी, ४ चक्रीण, ५ भूमिज, ६ सांधार-इनके उपरांत वलभी और फासनाकारके दो प्रकार निर्दिष्ट हैं।
द्रविड प्रदेशके दशवीं सदीके कामिकागम के अ० ४९ में भी छः प्रकार बताये हैं। १ नागर २ द्रविड ३ वेसर ४ वराट ५ कलिंग ६ सर्वदेशी ।
.
MY
..
.
:".
AAL
.
.
.
.
.
.
-
---
-
PANTARGEBAS 8138वाइस D ...... . 4 . A A Tili
PORN4LDR.KATTA
-
-
EdeORIALNIText
म:
BRRHET घंटाशालग्रामके पहेली शताब्दीका स्तूपमें द्रविड प्रासाद शिखरके तकती अंकन
लखनऊ म्युजियम