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45.2#STATIS
DETAIL OF DONKEY FOR GARENACEURA
SOMNATH MANNE
श्रीरार्णव अ. - १०५.
सप्त शाखाका द्वार और अर्धचंद्र
इतिश्री विश्वकर्मा विरचित क्षीरार्णव नारदके संवादरूप नागरादि द्वारमानका शिल्प विशारद स्थपति श्री प्रभाशंकर ओघडभाई सोमपुराको रची हुई सुप्रभा नामकी भाषा टीकाका एकसो पाँचवाँ अध्याय ॥ १०५ ॥ । ( क्रमांह : अ०
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