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________________ जनागम लिस्ट नाम, रच्यानो लोक. । नंबर. कर्ता. संवत् मूळावश्यकनी व्याख्याना परचूरण ग्रंथो. . ११२३ पविधावश्यकसूत्र वृत्ति: १५५० नमिसाधु ,, (वंदारुवृत्ति नाम्नी) २७२० देवेद्रसूरि षडावश्यक वृत्ति(अर्थ दीपिका) ६६४४ : रतशेखर षडावश्यक अवचूरि । १४९६ * एमना गुरुर्नु नाम शालिमार छ. एणे रुद्रटकृत काव्यालंकारपर सं, ११२५ मा टीका रची छे. + वंदावृत्तिने हालमा वृदारवृत्ति कहे छे पण तेनु आदिपद वेदारु होवार्थी शुद्ध नाम वंदावत्ति छता पाटणनी टीपमा एकादजगे तेना कती तरीके देवेंद्रसूरिनुं नाम हाथ लाग्युं छे, पण डेक्कन कॉलेजना तना कर्ता सोमतिलक ... जणाव्या छे. छतां अमाग धारवा प्रमाणे एना कर्ता देवेंद्रसार एम कहेलं होवाथी एने " श्रावकानुष्टानविधि " एवा नामी पण कोर येला ओल. सनव्याख्यारूपं तपा श्रीदेवेंद्रसरिकृतं २७७० ॥ आ परथी असलम एनं नाम पडावश्यक हो एम | षडावश्यकनी अवचूारे फक्त पाटणनी एक टीपमा श्रावेली देखाथ छे, तेथी मे अनुमान श्राद्धप्रतिक्रमणनी तिलकाचार्यकृत वृत्तिओ साये लखली हशे अगर तेमांथी अमुक भाग टांकी निर्णय थाय.
SR No.008418
Book TitleJain Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Catalogue
File Size7 MB
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