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प्रस्तावना. ए छे के जेम जेम काळ बदलातो जाय छे तेम तेम मनुष्यो पण शुक्तिभासने रजता. भास मानवा लागता जणाय छे. पूर्वना वखते भंडारमा रहेला तमाम ग्रंथोने व्यवस्थित रीते तपासी जोइ तेमां पहोंचेला नाश तरफ पूर्ण लक्ष आपी ग्रंथोने दुरस्त तथा अपूर्ण ग्रंथोने पूर्ण बनाववानी अगत्यता विचारता; त्यारे हालमा ज्ञानना रक्षकपणानुं अभिमान धरावनार महाशयो फक्त जे उपाश्रयमां कोइ मुनिराज विराजता होय तो ते अगर ज्यां मुनिराजनो जोग न होय त्यां ते भंडारना मालिक पोते पोताना भंडारमाथी उत्तममा उत्तम सारा अक्षरोथी लखावेली अगर सोनेरी अक्षरोथी लखावेली पांच दश प्रतो दर्शन माटे बहार काढी तेना उपर चित्र विचित्र झीक अने चळकता कसबी भरेलां पाठां, चंदुआ, रुमाल आदि शणगारी तेनी बाह्य सुंदरतामांज पोतानी कृतकृत्यता मानी ज्ञानभक्तिनी साफल्यता माने छे पण आम बाह्य सुंदरतामां सार्थकता मानवाथी ज्ञाननी केटली हानी थई छे अने थाय छे, ते तरफ तेमनुं तिलमात्र पण ध्यान खेचायुं होय तेम जणातुं नथी. आम पूर्वना शुद्ध ज्ञानभक्तिना मार्गनो विपर्यास थवाथी आफ्णा ज्ञानना अभ्यासी मुनि महाशयोने जोईता ग्रंथो मेळववा माटे केवी अनिवार्य अगवडो भोगववी पडे छे. तेना घंटानाद शुं हजी तेमना कर्णरंध्र ऊपर पड्या नथी ! हवे शुभ वखत आवी लाग्यो छे. आ ग्रंथावळी तैयार थवाथी साहित्यना ग्रंथो मेळववा माटेनी चिंता दूर गई छे. ए निर्विवाद छे. हवे साध्य समीप छे, अने साधन मेळवामाटे अमे चतुर्विध संघने नम्रतापूर्वक विनंति करीए छीए तो आवो सर्वोपयोगी हेतु सिद्ध करवा शा माटे संघे तैयार थर्बु जोईए नहीं. ?
अमारी पूर्ण खात्री छे के जैन शासननी उन्नती इच्छनार महाशयो आ वात तेमनी जाणमां आव्यानी साथे एक वेळाए आ पुण्यनुं काम माथे उपाडी लेवा तैयार थशे, अने ते तेमने घटे पण छे.
अमे आ जमानाने अनुसरतुं कार्य आपनी सन्मुख भूक्युं छे. योग्य लागे तो स्वीकार करवो ते तमारुं काम छे. अने अयोग्य जणायतो जेम प्रथमथी थयु छ, थतुं आवे छे; अने थाय छ तेम थशे. एटलं ध्यानमा राखवानुं छे. . प्रस्तुत ग्रंथावळी तैयार करवामां जे जे मुनि महाशयोए तथा गृहस्थोए पोतार्थी बनती सहाय आपी आ कायेने उत्तेजन आप्यु छे ते बाबत तेमनो अंतःकरणपूर्वक उपकार मानीए छीए, आ कार्य खास विद्याविलासी मुनिवर्योनुज छे, अने पूर्वना प्रबुद्ध आचार्योर्नु अनुकरण कर ए तेमने उचित छे. अमे आशा राखीए छीए के हालमा विद्वाननी पंक्तिमा गणाता आपणा मुनिक्यों आ ग्रंथावळी माटे पोताने योग्य लागे ते सूचना आपवामां कोई पण प्रकारे ढील करशे नहीं. अने अमारा करेला परिश्रमने फलिभूत करशे. .