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टनण्
चितिदे० देः . ५१३१७६।। दृतिना० वि: ५।११६७॥ निदाद ढ्ट् ५१८८॥ पूर्वाग्रे० मे ५१४१४६।। चित्रे ५।४।१६॥ दृवृग्० स: ५।१४४०॥ नृत्० ट् ५११६५।। | पूर्वात्० तुः ॥११४१॥ बेलार्था० तेः ५।४।५८॥ | दृशः क्व० ५११६६। नेनंद० ण: ५।३।२६।। प्रघणं० शे ॥३३५।। व्यर्थे क० ग: ५।३।१४०।। | देववा० प: ५११६६।।
५।३।७४॥ प्रचये० स्य ५॥४॥४३॥ छन्दोनाम्नि ५।३७०11
| न्यभ्यु० श्चोत् ५।३।४।। | प्रणाय्यो० ते ५।१।२३।। जागु: ५।२१४८।। द्वितीयया ५।४।७८॥ | न्यवाच्छापे ॥३॥५६॥ | प्रमाण त्योः ५।४।७६।। जागुरश्च २३११०४॥ द्विषन्त० पौ. ५११५१०८11 | न्यादो नवा ५३।२४॥ । प्रवच०
यः५१८॥ जातुय० मी ५॥४१॥ | धनुद० हः ५१६२॥ त्याया० रम् ५१३११३४॥ | प्रभा० वेञ् ५।३।११६।। जायाप० ति ५११८४॥
५४॥४१॥ ] न्युदो नः ५.३।७२।। प्राक्काले ५॥४॥४७॥ जिविपु० के ११४३॥ धात्री ५२१६१॥ | पञ्च० हेतौ ५।३।११।। प्राच्च० यसः ५२।५२॥ जीण्ड० य: ५।२१७२॥ घाय्या० से ५॥१॥२४॥ | पञ्च० याम् ॥४१७७।। प्राज्ज्ञश्च ५।१७६।। जषोऽतः ५।११७३॥ धारीडो० श् ५॥२॥२५॥ [पणेमनि ५।३।३२॥ प्रात्सू० रिन् १२१७१ ज्ञानेच्छा० क्त: ५।२।१२।।
धारेर्धर्च धारधच
५११११३॥ | पद० घन् ५३१६॥ प्रात् मुद्रुस्तोः ॥३॥६७।। ५२११६७।। नगरा० जे ५११८७॥ पदा० ग्रहः ५॥१॥४४॥ प्रादश्मि त्रे ५।३।५१॥ ट्वितोऽथु: ५।३१८३॥ नम्न० औ ५११४१२८।। | परावरे ५१४१४५!! | प्राल्लिप्सायाम् ५.३१५७।। ड्वितस्त्रिम् ५।३१८४॥ | नो० पे ॥३।११७॥ परिक्ले० न ५४।८०॥ प्रिय० वदः ५३१११०७॥ णकतुचौ ॥१॥४८॥ नणि क्षः ५।२।४५॥ | परिचा० ग्नी ५॥१॥२५।। | इस० साधौ ५११६६।। णिन् चा० पर्ये ५।४।३६।। ननौ० त् ५।२।१७।। | परिदेवने ५॥३६॥ | प्रषा० म्यौ ५।४।२६।। णिवेत्त्या० नः १५३।१११॥
नन्द्यादिनः ५१५२॥ परिणा० चः ५।१।१०।। बन्धेर्नाम्नि ५४१६७।। तत्र क्व० ५ २।२।। नन्वोर्वा ५२।१८॥ परेः क्रमे ५।३।७६।। बहुलम् ॥१२॥ तन्व्य ० तः ॥१६४।। नवाक्व० नः ५॥३॥४८॥ परे: स० य: ५।३.१०२।। बहुवि० दः ५।१।१२४।। तव्यानीयौ ५१२७॥ नाडी० श्च ५।१।१२०॥ परेधः ५१३॥४०॥ ब्रह्मणो० द: ५।१।१५६।। तिक्कृती. नि०५शश७१॥ नानद्य० त्योः ५१४५॥ | परे। श्च ५२१६५।। ब्रह्मभ्रू० प् ५।१११६१॥ तियंचा०, ५.४८५॥
नाम्ना० शः ५४1८३11 पर ते ५।३।६३१ | ब्रह्मादिभ्यः ५।११८५।। तूष्णीमा ५॥४॥७॥ नाम्नि पु०च ५१३।१२१॥ परे वा ५।४।८।। | ब्रुवः ५।११५१।। तृन् शी० षु ५।२।२७॥ नाम्नो ग० हः ५॥११३१॥ परोक्षे ५।२।१२।। भजो विण ५३१११४६॥ तृषिधृ० हु ५॥२१८०॥ | निम्नो व० च ५।१३५॥ | पर्यघेळ - ५॥३॥११३॥ | भक्षि० धुरः ५२।७४॥ ते कृत्याः ॥१४७॥ नाम्युपा० कः ॥१५४॥ पर्याया० क:० ५।३।१२०॥ भविष्यन्ती ॥३॥४॥ तौ मा० षु श२॥२१॥ निगवा० मिन ५११६१॥ | पाणिकरात् ॥११२१॥ | त्यदाय. च ५११५२।। निघो० नम् ॥३॥३६॥ पाणिध० नि ५११६ | भाववचना: ५।३.१५॥ त्रसिगृ० क्नुः ॥२॥३२॥ निन्दहि० द ५११६८॥ | पाणिस० जः ॥११८॥ भावकों : ५१३११८॥ दंशेस्तृ० या ५।४।७३।। निन्द्ये व्यां० यः ५१११५६॥ | पाश्र्धादिङ: ११११३५॥ | भावे ५१३११२२॥ दंशेस्त्रः ५२०॥ निमिल्या० के ५१४१४६।।।नाम्नि घ: ५।३।१३०॥ भावे चा० खः ५११११३०।। दश्चाडः ॥१७॥ | निमूला० व: ५४।६२।। पुरंद० रौ ५११११४।। भावेऽनु० त् ५३।४५।। दाटधे० कः ॥२१३६।। | नियश्चा० द्वा ५५३१६०।। पुराया० ना ५॥३७॥ भिक्षा० यात् ५।१।१३६।। दिद्युद्द० पः ५।२।८३॥ निरभे:० ल्व: ५३२१॥ | पुरो० सत्तः ५।१।१४०।। भिदादयः ५१३।१०८।। दुःस्वीष० ल् ५।३११३६॥ | निर्गो देशे ५११४१३३।। पूर्व० वते ५८५ भियो० कम् ५।२१७६।। दुहेर्दुघः ।।१।१४५।। | निषेधे० क्त्वा १५१४१४४॥ | पूड्यजे:० न: ५।२।२३।। | भीमा० दाने ५।१।१४।।