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भगवान श्री कुन्दकुन्द-कहान जैन शास्त्रमाला पुष्प-१३
श्री सर्वज्ञेभ्यः नमः
श्रीमदाचार्यवर-अमृतचन्द्राचार्य विरचित
श्री
समयसार-कलश
भगवत्कुंदकुंदाचार्यदेवप्रणीत समयसारकी श्रीअमृतचंद्राचार्यदेव विरचित 'आत्मख्याति' टीका-अन्तर्गत कलश-श्लोक एवं उन पर ढूँढारी
भाषामें अध्यात्मरसिक पं श्री राजमल्लजी 'पांडे' रचित 'खंडान्वय सहित अर्थमय टीकाके
आधुनिक हिंदी अनुवाद सहित
: अनुवादक :
सि. आ. , पं. श्रीफूलचन्द्रजी सिद्धान्तशास्त्री
वाराणसी
:: प्रकाशक::
श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट
सोनगढ़ ( सौराष्ट्र)
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