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तत्त्वज्ञान पाठमाला भाग -२
साधन) ढूँढ़ने की व्यग्रता से जीव (व्यर्थ ही) परतंत्र होते हैं। जिज्ञासु -
आज आपने हमें निश्चय और व्यवहार षट्कारकों के सम्बन्ध में बताया इससे हमें बहुत लाभ मिला, पर एक बात समझ में नहीं आई कि आपने कारक छह ही क्यों बताए? हमने तो सुना था कि कारक आठ होते हैं। सम्बन्ध
और सम्बोधन को कारक क्यों नहीं कहा? प्रवचनकार -
सम्बोधन का तो कारक होने का प्रश्न ही नहीं उठता, पर सम्बन्ध भी कारक नहीं है। इन दोनों का क्रिया से कोई सम्बन्ध नहीं है। जो किसी न किसी रूप में क्रिया-व्यापार के प्रति प्रयोजक होता है उसे ही कारक कहा जाता है। सम्बन्ध और सम्बोधन क्रिया के प्रति प्रयोजक नहीं हैं, अतः इन्हें कारकों में नहीं लिया गया है।
षट्कारक व्यवस्था को समझ कर पर से दृष्टि हटाकर आत्मकेन्द्रित होने का अभ्यास रखना ! तुम्हारा कल्याण होगा !!
पाठ ७
चतुर्दश
गुणस्थान सिद्धान्तचक्रवर्ती नेमिचंद्राचार्य
(व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व) जह चक्केण य चक्की, छक्खंडं साहियं अविऽघेण।
तह मइ चक्केण मया, छक्खंडं साहियं सम्म ।। "जिस प्रकार सुदर्शनचक्र के द्वारा चक्रवर्ती छह खण्डों को साधता (जीत लेता) है, उसी प्रकार मैंने (नेमिचंद्र ने) अपने बुद्धिरूपी चक्र से षट्खण्डागमरूप महान सिद्धान्त को साधा है।" अतः वे सिद्धान्त चक्रवर्ती कहलाए। ये प्रसिद्ध राजा चामुण्डराय के समकालीन थे और चामुण्डराय का समय ग्यारहवीं सदी का पूर्वार्द्ध है, अतः आचार्य नेमिचंद्र भी इस समय भारत-भूमि को अलंकृत कर रहे थे।
ये कोई साधारण विद्वान नहीं थे; इनके द्वारा रचित गोम्मटसार जीवकाण्ड, गोम्मटसार कर्मकाण्ड, त्रिलोकसार, लब्धिसार, क्षपणासार आदि उपलब्ध ग्रन्थ उनकी असाधारण विद्वत्ता और सिद्धान्तचक्रवर्ती' पदवी को सार्थक करते हैं।
इन्होंने चामुण्डराय के आग्रह पर सिद्धान्त-ग्रन्थों का सार लेकर गोम्मटसार ग्रन्थ की रचना की है, जिसके जीवकाण्ड और कर्मकाण्ड नामक दो महाधिकार हैं। जीवकाण्ड की अधिकार संख्या २२ और गाथा संख्या ७३३ है और कर्मकाण्ड की अधिकार संख्या ९ तथा गाथा संख्या ९७२ है । इस समूचे ग्रन्थ का दूसरा नाम पंचसंग्रह भी है, क्योंकि इसमें निम्नलिखित पाँच बातों का वर्णन है :- (१) बंध (२) बंध्यमान (३) बंधस्वामी (४) बंधहेतु और (५) बंधभेद।
प्रश्न - १. कारक किसे कहते हैं? वे कितने होते हैं? प्रत्येक की परिभाषा दीजिए? २. संबंध को कारक क्यों नहीं माना गया है? ३. व्यवहार और निश्चयकारकों को उदाहरणों पर घटित करके बताइये। ४. 'स्वयंभू' किसे कहते हैं? ५. आचार्य कुन्दकुन्द के व्यक्तित्व और कर्तृत्व पर प्रकाश डालिए।
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