________________
५००
समयसार बारम्बार भाना, दुहराना, नचाना ही कर्मचेतना के त्यागरूप ज्ञानचेतना का नृत्य है और १४८ कर्मप्रकृतियों के फल के त्याग की भावना भाना, बारम्बार दुहराना ही कर्मफल के त्यागरूप ज्ञानचेतना का नृत्य है।
प्रश्न - प्रतिक्रमणकल्प, आलोचनाकल्प एवं प्रत्याख्यानकल्प के ४९-४९ भंग कौनकौन से हैं ?
उत्तर - आत्मख्याति टीका में इस कलश के उपरान्त ४९-४९ भंगों को इसप्रकार प्रस्तुत किया गया है -
प्रतिक्रमण करनेवाला कहता है -
१. मैंने पूर्व में मन-वचन-काय से जो दुष्कृत किया, कराया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो। ___२. मैंने पूर्व में मन-वचन से जो दुष्कृत किया, कराया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो।
३. मैंने पूर्व में मन-काय से जो दुष्कृत किया, कसया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो। वाचा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।४। यदहमकाएं, यदचीकर, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, मनसा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।५। यदहमकार्ष, यदचीकर, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, वाचा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।६। यदहमकार्षं, यदचीकर, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ७।
यदहमकार्षं, यदचीकर, मनसा च वाचाच कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति।८। यदहमकाएं, यत्कुर्वतमप्यन्यं, समन्वज्ञासिषं, मनसा च वाचा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।९। यदहमचीकर, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, मनसा च वाचा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।१०। यदहमकार्षं, यदचीकर, मनसा च वाचा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।११। यदहमकार्ष, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, मनसा च वाचा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।१२। यदहमचीकर, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, मनसा च वाचा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।१३। यदहमकार्ष, यदचीकर, मनसा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।१४।
यदहमकार्ष, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, मनसा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।१५। यदहमचीकर, यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं, मनसा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।१६।
४. मैंने पूर्व में वचन-काय से जो दुष्कृत किया, कराया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो।
५. मैंने पूर्व में मन से जो दुष्कृत किया, कराया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो।
६. मैंने पूर्व में वचन से जो दुष्कृत किया, कराया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो।
७. मैंने पूर्व में काय से जो दुष्कृत किया, कराया और अनुमोदन किया; वह दुष्कृत मिथ्या हो।