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________________ EE FOR "FF 0 विपुल है; परन्तु वर्तमान में हमने विज्ञान के साधनों से जितना पता चला पाया हम उसे ही सम्पूर्ण सृष्टि मानने लगे; परन्तु वैज्ञानिक तो आज भी खोज में संलग्न हैं, वे यह दावा नहीं करते कि जो हमने पाया है, वही सबकुछ | है, उनकी खोज अपनी सीमा में अभी भी बराबर चालू है; अत: उसके आधार पर सर्वज्ञकथित आगम को झुठलाया नहीं जा सकता। जब आज ज्ञान में भी हीनाधिकता देखी जाती है तो यदि पूर्वकाल में इससे भी अधिक ज्ञानवान (सर्वज्ञ) हों तो आश्चर्य क्यों ? आचार्य तो कथानकों में कद, आयु, धनी-निर्धन सभी तरह के पात्रों के चरित्रों द्वारा यह | कहना चाहते हैं कि चाहे कोई कद में छोटा हो या बड़ा हो, गरीब हो या अमीर हो निर्बल हो या बलवान हो उम्र में बहुत अधिक या बहुत कम हो तो इससे क्या ? समझना तो यह है कि उसमें कहीं किंचित् सुख नहीं है। इसीकारण उन तीर्थंकर और चक्रवर्ती आदि ने भी वह सब वैभव त्याग कर नग्न दिगम्बरी दीक्षा धारण कर आत्मकल्याण किया, मुक्ति की साधना की। दूसरी बात यह है कि कुछ नास्तिक मतों को छोड़कर प्राय: सभी धर्मों ने तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार बहुत शास्त्र अतिशयोक्तिपूर्ण लिखे हैं, उनके पीछे भी कोई न कोई प्रयोजन रहा होगा; अत: हम कथानक पर अविश्वास करने के बजाय उसके प्रयोजन पर ध्यान दें। महाकाव्यों में बहुत से कथन अतिशयोक्ति अलंकार में बढ़ा-चढ़ा कर भी होते हैं। इस अपेक्षा कुछ कथन बढ़ा-चढ़ा कर भी किया हो तो भी उसका प्रयोजन यह है कि तीर्थंकर, कामदेव, इन्द्र और चक्रवर्ती जैसे पदों में इतने वैभव के होते हुए भी उन्हें निराकुल सुख-शान्ति नहीं मिली और उन्होंने भी उसे छोड़कर सच्चे सुखशान्ति की खोज में वनवासी दिगम्बर मुनि बन कर मुक्ति की साधना की। __ अतः हम भी उनके इस आदर्श जीवन से यह शिक्षा प्राप्त करें कि प्राप्त वैभव में न उलझे रहेंगे। जो चक्रवर्ती प्राप्त वैभव में, राजकाज में और गृहस्थी में उलझे रहे, उनकी अधोगति हुई। यह बात भी हमें | गृहत्यागी बनने की प्रेरणा देती है। सभी पाठकवृन्द इन प्रथमानुयोग के कथनों से सद्प्रेरणा ग्रहण करें, आत्मोन्नति करें - यही मंगल भावना है। क + B - लेखक
SR No.008375
Book TitleSalaka Purush Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2003
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size1 MB
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