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पाठ आठवाँ |
| मेरा धाम
शुद्धातम है मेरा नाम, मात्र जानना मेरा काम। मुक्तिपुरी है मेरा धाम',
मिलता जहाँ पूर्ण विश्राम ।। जहाँ भूख का नाम नहीं है, जहाँ प्यास का काम नहीं है। खाँसी और जुखाम नहीं है, आधि व्याधि का नाम नहीं है।।
सत् शिव सुन्दर मेरा धाम, शुद्धातम है मेरा नाम।
मात्र जानना मेरा काम ।।१।। स्वपर भेद-विज्ञान करेंगे, निज आतम का ध्यान धरेंगे। राग-द्वेष का त्याग करेंगे, चिदानन्द रस पान करेंगे।।
सब सुखदाता मेरा धाम, शुद्धातम है मेरा नाम।
मात्र जानना मेरा काम ।।२।। १. निवास, २. मानसिक रोग, ३. शारीरिक रोग, ४. सच्चा , ५. कल्याणकारी, ६. आत्मा का आनन्द ।
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