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पाठ पहला
णमोकार महामंत्र
णमो अरहंताणं, णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं॥
लोक में सब अरहंतों को नमस्कार हो, सब सिद्धों को नमस्कार हो, सब आचार्यों को नमस्कार हो, सब उपाध्यायों को नमस्कार हो और सब साधुओं को नमस्कार हो।
णमोकार मंत्र की महिमा एसो पंचणमोयारो सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं पढ़मं होहि मंगलम्।।