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सुप्रसिद्ध लेखक एवं दार्शनिक चिन्तक डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल के ज्येष्ठ पुत्र परमात्मप्रकाश भारिल्ल का जन्म ३० सितम्बर १९५९ को, अशोकनगर (म.प्र.) में हुआ था।
बचपन से ही सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहकर धार्मिक पठनपाठन की गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं।
राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएस.सी. की शिक्षा प्राप्त कर वर्तमान में बम्बई में हीरों के आयात-निर्यात के व्यापार में संलग्न हैं।
अपने व्यापार के संदर्भ में अनेकानेक देशों की अनेक यात्राओं के अतिरिक्त प्रवचनार्थ भी आपने अमेरिका सहित अनेक देशों की यात्रायें की हैं।
आप अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री, पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर एवं श्री महावीर स्वामी कुन्दकुन्द कहान दि. जैन मुमुक्षु मण्डल बोरोबली, बम्बई के ट्रस्टी तथा डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल चैरिटेबल ट्रस्ट के महामंत्री हैं।
अभिरुचियाँ : चिन्तन, मनन, लेखन, पठन-पाठन व काव्य रचना। प्रस्तुत कृति लेखक की प्रथम प्रकाशित रचना है।
आगामी कृतियाँ : मृत्यु महोत्सव, जीवन का वैभव (निबन्ध), समकित