________________ आध्यात्मिक भजन संग्रह - मांस, आयु निगड फंसि - आयु रूपी बेडियों में। भजन नं. 92 कजदल - कमल पत्र, नभ ताडन - आकाश को पीटने जैसा, अजगन - बकरों में, हरि - सिंह। भजन नं. 93 विधी बंध - कर्म बन्ध, बुद्धि छैनी - बुद्धिरूपी, छैनी से निज और पर का सन्धि भेद करना, परिग्रही - परिग्रह का धारी तथा पर की वस्तु ग्रहण करने वाला। भजन नं. 94 बेवै - जाने, अनुभव करे, दाव - मोका, कुधी - मूर्ख / भजन नं. 95 लेकृपाण जल दारे - तलवार लेकर जल को काटता है। डगर - मार्ग, रज रहसि अरि - चार घातिया कर्म / भजन नं. 79 मदरत - शराबी, समामृत - समतारूपी अमृत, जिन-जिन्होंने, वृष-धर्म। भजन नं. 80 पर - पुद्गल सम्बन्धी, करतारी - कर्ता, करारी - गाढी। भजन नं. 83 __माचत - मग्न होते, श्रुत बांचत - शास्त्र पढ़ते, सुजस लाह कीसुयश के लाभ की, रजे - मग्न हुये, जिनजाप - जिनदेव का जाप सुमनचाप - कामदेव की तपन में तप्त / भजन नं. 84 भाये - मनन किये, जाये - उत्पन्न हुये, आश हुताश - आशा रूपी अग्नि। भजन नं. 86 भयामय - डर और रोग, सरधौ - श्रद्धान करो, वृष - धर्म, मिहर - सूर्य। भजन नं.८७ विषयोंदा - विषयों का, पंजाबी शब्द है, कमला - लक्ष्मी, चपला - बिजली, सुरधनु - इन्द्र धनुष / भजन नं. 88 चिद्गुन सहचारिनी - ज्ञान गुण सहचारनी, भई न चलीरी - फिर चलाय मान न हुई, तिस - प्यास, क्षारवार - खारा पानी। भजन नं. 91 कारा सदन - जेल खाना, चाम पिहित - चमडे से ढकी हुई, पल sa kabata Annanjitain Bhajan Book pains (117)