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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates १. उत्तम अंतरात्मा २. मध्यम अंतरात्मा ३. जघन्य अंतरात्मा । अंतरंग और बहिरंग दोनों प्रकार के परिग्रह से रहित उत्कृष्ट शुद्धोपयोगी क्षीणकषाय मुनि (बारहवें गुणस्थानवर्ती) उत्तम अंतरात्मा हैं। अविरत सम्यग्दृष्टि (चौथे गुणस्थानवर्ती) जघन्य अंतरात्मा हैं। उक्त दोनों की मध्यदशावर्ती देशव्रती श्रावक और मुनिराज ( पाँचवें से ग्यारहवें गुणस्थानवर्ती) मध्यम अंतरात्मा हैं। प्रभाकर - अंतरात्मा बनने से लाभ क्या है ? योगीन्दु देव - यही अंतरात्मा गृहस्थावस्था त्यागकर शुद्धोपयोगरूप मुनि-अवस्था धारण कर निज स्वभाव साधन द्वारा परमात्म-पद प्राप्त करता है अर्थात् परमात्मा बन जाता है और इसके अनंत दर्शन, अनंत ज्ञान, अनंत सुख और अनंत वीर्य प्रकट हो जाते हैं। तात्पर्य यह है कि यही अंतरात्मा अपने पुरुषार्थ द्वारा आगे बढ़कर परमात्मा बनता है। प्रभाकर - परमात्मा बनने से लाभ क्या है ? योगीन्दु देव - प्रत्येक प्रात्मा सुखी होना चाहता है। परमात्मा पूर्ण निराकुल होने से अनंत सुखी है। परमात्मा दो प्रकार के होते हैं - (१) सकल परमात्मा (२) निकल परमात्मा। चार घातिया कर्मों का प्रभाव करने वाले श्री अरहंत भगवान को शरीर सहित होने से सकल परमात्मा कहते हैं और कर्मों से रहित सिद्ध भगवान को शरीर रहित होने से निकल परमात्मा कहते हैं। बहिरात्मा संसारमार्गी होने से बहिरात्मपन सर्वथा हेय है। अंतरात्मा मुक्तिमार्ग का पथिक है, अतः अंतरात्मपन कथंचित् उपादेय है तथा परमात्मपन अतीन्द्रिय सुखमय होने से सर्वथा उपादेय है। अतः सब को पुरुषार्थपूर्वक बहिरात्मपन छोड़कर अन्तरात्मा बनकर परमात्मा बनने की भावना करनी चाहिये। प्रश्न १. आत्मा किसे कहते हैं ? वे कितने प्रकार के होते हैं ? बहिरात्मा का स्वरूप लिखिये। २. अंतरात्मा का लक्षण और भेद स्पष्ट कीजिये। ३. परमात्मा किसे कहते हैं ? सकल व निकल परमात्मा को स्पष्ट कीजिये। ४. मुनिराज योगीन्दु के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये। Please inform us of any errors on [email protected]
SR No.008323
Book TitleVitrag Vigyana Pathmala 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1993
Total Pages35
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Education, Spiritual, & Philosophy
File Size447 KB
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