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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates सम्यग्दर्शन का होना ही दर्शनगण की निर्मलता है। सम्यक्त्वपूर्वक भूमिका योग्य शुद्ध परिणति निश्चय दर्शन-प्रतिमा है तथा उसके साथ सहज (हठ बिना) होने वाला कषाय-मंदतारूप भाव व बाह्याचार व्यवहार दर्शन प्रतिमा है। प्राचार्य समन्तभद्र के अनुसार दर्शन प्रतिमा में पांच अणुव्रत भी पा जाते हैं। उक्त प्रकरण को पंडित जयचंदजी छाबड़ा ने इस प्रकार स्पष्ट किया हैं: “कोई ग्रन्थ में ऐसे कह्या है जो पांच अणुव्रत पालै अर मद्य, मांस, मधु इनका त्याग करै – ऐसे आठ मूलगुण हैं सो यामें विरोध नाहीं है, विवक्षा भेद है। पांच उदुम्बर फल अर तीन मकार का त्याग कहने से जिन वस्तुनि में साक्षात् त्रस दीखें ते सर्व ही वस्तु भक्षण नहीं करै, देवादिक निमित्त तथा औषधादिक निमित्त इत्यादि कारणतें दीखता त्रस जीवनि का घात न करै - ऐसा आशय है सो यामें तो अहिंसाणुव्रत आया पर सात व्यसन के त्याग में झुठ का, अर चोरी का, अर परस्त्री का ग्रहण नाहीं। यामें प्रति लोभ का त्यागतें परिग्रह का घटावना आया- ऐसें पांच अणुव्रत आवें हैं। इनके अतिचार टलै नाहीं तातें अणुव्रती नाम न पावे। ऐसें दर्शन प्रतिमा का धारक भी अणुव्रती है, तातें देशविरत सागार संयमाचरण चारित्र में याकू भी गिन्या है।" २. व्रत प्रतिमा पाँच अणुव्रत आदरै, तीन गुणव्रत पाल । शिक्षाव्रत चारों धरै, यह प्रतिमा चाल ।। पहली प्रतिमा में प्राप्त वीतरागता एवं शुद्धि को दूसरी प्रतिमाधारी श्रावक बढ़ता रहता है तथा उसको निम्न कोटि के रागभाव नहीं होते, इसलिए उनके त्याग की प्रतिमा करता है। इस प्रतिमा के योग्य शुद्ध परिणति निश्चय प्रतिमा है व बारह देशव्रत के कषायमंदतारूप भाव व्यवहार प्रतिमा है। १ रत्नकरण्ड श्रावकाचार : प्रा. समन्तभद्र, श्लोक ६६ २ अष्टपाहुड़ टीका : पं. जयचंदजी, चारित्रापाहुड, गाथा २३ ३ नाटक समयसार : बनारसीदास, चतुर्दश गुणस्थानाधिकार, छंद ६० ४ बारह व्रतों का विस्तृत विवेचन वीतराग-विज्ञान पाठमाला भाग ३ के पाठ ६ में किया जा चुका है। २५ Please inform us of any errors on [email protected]
SR No.008318
Book TitleTattvagyan Pathmala 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1989
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Education, Spiritual, & Philosophy
File Size383 KB
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