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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates समयसार २६८ यस्मात्तु जघन्यात् ज्ञानगुणात् पुनरपि परिणमते। अन्यत्वं ज्ञानगुणः तेन तु स बन्धको भणितः।। १७१ ।। ज्ञानगुणस्य हि यावज्जघन्यो भावः तावत् तस्यान्तर्मुहूर्त-विपरिणामित्वात् पुनः पुनरन्यतयास्ति परिणामः। स तु, यथाख्यात-चारित्रावस्थाया अधस्तादवश्यम्भाविरागसद्भावात् , बन्धहेतुरेव स्यात्। एवं सति कथं ज्ञानी निराम्रव इति चेत् दंसणणाणचरित्तं जं परिणमदे जहण्णभावेण। णाणी तेण दु बज्झदि पोग्गलकम्मेण विविहेण ।।१७२ ।। गाथार्थ:- [यस्मात् तु] क्योंकि [ज्ञानगुणः] ज्ञानगुण, [जघन्यात् ज्ञानगुणात् ] जघन्य ज्ञानगुणके कारण [ पुनरपि ] फिरसे भी [अन्यत्वं ] अन्यरूपसे [ परिणमते ] परिणमन करता है, [ तेन तु] इसलिये [ सः ] वह ( ज्ञानगुण ) [ बन्धकः ] कर्मोंका बंधक [ भणितः ] कहा गया है। टीका:-जब तक ज्ञानगुणका जघन्य भाव है ( –क्षायोपशमिकभाव है ) तबतक वह (ज्ञानगुण) अंतर्मुहूर्तमें विपरिणामको प्राप्त होता है पुनः पुनः उसका अन्यरूप परिणमन होता है। वह (ज्ञानगुणका जघन्य भावसे परिणमन), यथाख्यातचारित्रअवस्थाके नीचे अवश्यंभावी रागका सद्भाव होनेसे, बंधका कारण ही है। भावार्थ:-क्षायोपशमिक ज्ञान एक ज्ञेय पर अंतर्मुहूत ही ठहरता है, फिर वह अवश्य ही अन्य ज्ञेयको अवलंबता है; स्वरूपमें भी वह अंतर्मुहूर्त ही टिक सकता है, फिर वह विपरिणामको प्राप्त होता है। इसलिये ऐसा अनुमान भी हो सकता है कि सम्यग्दृष्टि आत्मा सविकल्प दशामें हो या निर्विकल्प अनुभवदशामें हो--उसे यथाख्यातचारित्र-अवस्था होने से पूर्व अवश्य ही रागभावका सद्भाव होता है; और राग होनेसे बंध भी होता है। इसलिये ज्ञानगुणके जघन्य भावको बंधका हेतु कहा गया है। ___ अब पुन: प्रश्न होता है कि--यदि ऐसा है (अर्थात् ज्ञानगुणका जघन्य भाव बंधका कारण है) तो फिर ज्ञानी निरास्त्रव कैसे हैं ? उसके उत्तरस्वरूप गाथा कहते हैं: चारित्र दर्शन, ज्ञान तीन, जघन्य भाव जु परिणमे । उससे हि ज्ञानी विविध पुद्गलकर्मसे बंधात है ।। १७२।। Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com
SR No.008303
Book TitleSamaysara
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorParmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages664
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Spiritual
File Size3 MB
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