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समयसार
१५२
व्यवहारस्य त्वात्मा पुद्गलकर्म करोति नैकविधम्। तचैव पुनर्वेदयते पुद्गलकर्मानेकविधम्।। ८४ ।।
___ यथान्तर्व्याप्यव्यापकभावेन मृत्तिकया कलशे क्रियमाणे भाव्यभावकभावेन मृत्तिकयैवानुभूयमाने च बहिर्व्याप्यव्यापकभावेन कलश-सम्भवानुकूलं व्यापारं कुर्वाण: कलशकृततोयोपयोगजां तृप्तिं भाव्यभावक-भावेनानुभवंश्च कुलालः कलशं करोत्यनुभवति चेति लोकानामनादिरूढोऽस्ति तावद्व्यवहारः, तथान्तर्व्याप्यव्यापकभावेन पुद्गलद्रव्येण कर्मणि क्रियमाणे भाव्यभावकभावेन पुद्गलद्रव्येणैवानुभूयमाने च बहिर्व्याप्यव्यापक भावेना-ज्ञानात्पुद्गलकर्मसम्भवानुकूलं परिणामं कुर्वाणः पुद्गलकर्मविपाकसम्पादित विषयसन्निधिप्रधावितां सुखदुःखपरिणतिं भाव्यभावकभावेनानुभवंश्च जीवः पुद्गलकर्म करोत्यनुभवति चेत्यज्ञानिनामासंसारप्रसिद्धोऽस्ति तावद्व्यवहारः।
गाथार्थ:- [ व्यवहारस्य तु] व्यवहारनयका यह मत है कि [ आत्मा: ] आत्मा [ नैकविधम् ] अनेक प्रकारके [ पुद्गलकर्म ] पुद्गलकर्मको [करोति ] करता है [ पुन: च ] और [ तद् एव ] उसी [अनेकविधम् ] अनेक प्रकारके [ पुद्गलकर्म ] पुद्गलकर्मको [ वेदयते ] भोगता है।
टीका:-जैसे, भीतर व्याप्यव्यापकभावसे मिट्टी घड़ेको करती है और भाव्यभावकभावसे मिट्टी ही घड़ेको भोगती है तथापि, बाह्यमें, व्याप्यव्यापकभावसे घड़े की उत्पत्ति में अनुकूल ऐसे (इच्छारूप और हाथ आदिकी क्रियारूप अपने) व्यापारको करता हुआ तथा घड़ेके द्वारा किये गये पानीके उपयोगसे उत्पन्न तृप्तिको ( अपने तृप्तिभावको) भाव्यभावकभाव के द्वारा अनुभव करता हुआ-भोगता हुआ कुम्हार घड़ेका कर्ता है और भोगता है ऐसा लोगोंका अनादिसे रूढ़ व्यवहार है; उसी प्रकार, भीतर व्याप्यव्यापकभावसे पुद्गलद्रव्य कर्मको करता है और भाव्यभावकभावसे पुद्गलद्रव्य ही कर्मको भोगता है तथापि, बाह्यमें, व्याप्यव्यापकभावसे अज्ञानके कारण पुद्गलकर्मके होनेमें अनुकूल (अपने रागादिक) परिणामोंको करता हुआ और पुद्गलकर्मके विपाकसे उत्पन्न हुई विषयोंकी निकटता से उत्पन्न (अपनी) सुखदुःखरूप परिणतिको भाव्यभावकभावके द्वारा अनुभव करता हुआ-भोगता हुआ जीव पुद्गलकर्मको करता है और भोगता है ऐसा अज्ञानियोंका अनादि संसारसे प्रसिद्ध व्यवहार है।
भावार्थ:-पुद्गलकर्मको परमार्थसे पुद्गलद्रव्य ही करता है; जीव तो पुद्गलकर्मकी उत्पत्तिके अनुकूल अपने रागादिक परिणामोंको करता है। और पुद्गल द्रव्य ही पुद्गलकर्मको भोगता है; तथा जीव तो पुद्गलकर्मके निमित्तसे होनेवाले
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