________________
Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates
* श्री नियमसारनी वर्णानुक्रम गाथासूची के
| गाथा | पृष्ठ
८६ | १६० १४० २७३ |
१९४ १९१
।
१००
१०२ | १०१ | ३४
| २७ ८२ | ७६ | १०६ ।
१५३ १४४ २०१
अ | अइथलथल थुलं अणुखंधवियप्पेण दु अण्णणिरावेक्खो जो | अत्तागमतच्चाण अत्तादि अत्तमज्झं अप्पसरूवं पेच्छदि अप्पसरूवालंबण | अप्पाणं विणु णाणं
अप्पा परप्पयासो | अरसमरूवमगंधं अव्वाबाहमणिंदिय असरीरा अविणासा अंतरबाहिरजप्पे
आ आउस्स खयेण पुणो आदा खु मज्झ णाणे | आराहणाइ वट्टइ | आलोयणमालुंछण
आवासं जइ इच्छसि | आवासएण जुत्तो | आवासएण हीणो
१८
| गाथा | पृष्ठ
उम्मग्गं परिचत्ता । २१ ४९ | उसहादिजिणवरिंदा
२० ४८ ___२८ | ५८ | एगो मे सासदो अप्पा
५ ११ | एगो य मरदि जीवो । | २६ । ५५ | एदे छद्दव्वाणि य
१६६ | ३२९ | एदे सव्वे भावा ११९ | २३६ ।
| एयरसरूवगंधं १७१ | ३३८ | एरिसभेदभासे १६३ | ३२४ | एरिसय भावणाए
४६ ९५ | एवं भेदब्भासं १७८ | ३४९
क ९८ | कत्ता भोत्ता आदा १५० | २९६ | कदकारिदाणुमोदण ।
कम्ममहीरुहमूल १७६ | ३४६ | कम्मादो अप्पाणं । १०० १८८ | कायकिरियाणियत्ती ८४ | १५६ | कायाईपरदव्वे १०८ २०८ | कालुस्समोहसण्णा १४७२९१ | किं काहदि वणवासो
| २९४ | किं बहुणा भणिएण दु १४८ | २९३ | कुलजोणिजीवमग्गण
| केवलणाणसहावो १८६ | ३६२ | केवलमिंदियरहियं १७४ | ३४१ | कोहं खमया माणं
| कोहादिसगब्भाव११६ । २३०
ग । ९२ | १७१ | गमणणिमित्तं धम्म-
४१ १२१
६३
११०
२१३
२१५
६६
१११ ७० १२१ |
। १२४ । ११७ | ५६ | ९६ |
२४० १२८ २४६ २३२ १०९ १८०
२५ २२७ २२६
११
| ईसाभावेण पुणो | ईहापुव्वं वयणं
११५ | ११४ |
उक्किट्टो जो बोहो | उत्तमअटुं आदा
३०
६१|
Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com