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શ્રી નાટક સમયસારના પદો
શ્રી વાઢક સમયસર
આસ્રવ અધિકાર
प्रतिशत (Easa) पाप पुनकी एकता, वरनी अगम अनूप। अब आस्रव अधिकार कछु, कहौं अध्यातम रूप।।१।।
(सश-१-८७)
સમ્યજ્ઞાનને નમસ્કાર. (સવૈયા એકત્રીસા) जेते जगवासी जीव थावर जंगमरूप,
तेते निज बस करि राखे बल तोरिकैं। महा अभिमानी ऐसौ आस्रव अगाध जोधा,
रोपि रन-थंभ ठाडौ भयौ मूछ मोरिक।। आयौ तिहि थानक अचानक परम धाम,
___ग्यान नाम सुभट सवायौ बल फोरिकैं। आस्रव पछास्यौ रन-थंभ तोरि डास्यौ ताहि, निरखि बनारसी नमत कर जोरिक।।२।।
(लश-२-८८)
દ્રવ્યાસવ, ભાવાસવ અને સમ્યજ્ઞાનનું લક્ષણ (સવૈયા તેવીસા) दर्वित आस्रव सो कहिए जहं,
पुग्गल जीवप्रदेस गरासै। भावित आस्रव सो कहिए जहं,
राग विरोध विमोह विकास।। सम्यक पद्धति सो कहिए जहं,
दर्वित भावित आस्रव नासै। ग्यान कला प्रगटै तिहि थानक, अंतर बाहिर और न भासै।।३।।
(सश-3-९८)