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'श्रमण भगवान् महावीर' ग्रंथ के बारे में महत्त्वपूर्ण अभिप्राय
प्रस्तुत ग्रन्थ के लेखक पुरातत्त्ववेत्ता मुनि श्री कल्याणविजय जी है । आवश्यकनियुक्ति व चूर्णि आदि में भगवान् महावीर के छद्मस्थ अवस्था तक का विहार व वर्षावास का वर्णन पूर्ण रूप से मिलता है, पर केवलज्ञान के बाद का नहीं । मुनि श्री ने इस कमी को प्राचीन ग्रन्थों के प्रकाश में और अपनी मौलिक कल्पना से पूर्ण किया है । उन्होंने छियालीस वर्षावास की सूची दी है । भगवान् कहाँ पधारे और किस प्रकार प्रचार आदि हुआ वह भी लिखा है । प्रस्तुत ग्रन्थ महावीर जीवन पर एक अनूठा ग्रन्थ है । परिशिष्ट में भौगोलिक क्षेत्रों का भी परिचय दिया है ।
म. महावीर एक अनुशीलन पृ. १३९
देवेन्द्र मुनि शास्त्री
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