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विहारस्थल-नाम-कोष
अंग-अंग देश मगध के पूर्व में था । आजकल के भागलपुर और मुंगेर के समीप का प्रदेश पूर्वकाल में अंग जनपद कहलाता था । इसकी राजधानी चम्पा नगरी थी । आजकल भागलपुर से पश्चिम में चार मील पर चम्पानाला स्थान है; वही पूर्वकालीन चम्पा है ।
___ चम्पा के ईशान दिशाभाग में पूर्णभद्र चैत्य था, जहाँ पर भगवान् महावीर का समवसरण हुआ करता था और शताधिक राजकुमारों, राजवंशी महिलाओं तथा सेठ-साहूकारों की प्रव्रज्यायें हुई थीं।
अंग मंदिर चैत्य-चम्पा के निकटवर्ती एक उद्यान का नाम ।
अच्छ-जैन सूत्रोक्त मगध के आसपास के सोलह देशों में से एक का नाम 'अच्छा' था । आचार्य श्रीहेमचन्द्र के अभिप्रायानुसार 'अच्छा' वरुणा देश की राजधानी थी । आधुनिक पुरातत्त्ववेत्ता गंगा यमुना के बीच में कौशाम्बी के वायव्व और कानपुर के नैर्ऋत में 'अत्स्य' देश बताते हैं, जो 'अच्छ' का संस्कृतरूप है । किसीके मत से बुलंदशहर के आस-पास का प्रदेश पूर्वकाल में 'अच्छ' कहलाता था ।
अनार्यदेश~-भगवान् महावीर के अनार्य देश में विहार करने और ९वाँ वर्षा- चातुर्मास्य अनार्यभूमि में अनियतरूप से व्यतीत करने का वर्णन आता है । वह अनार्यभूमि पश्चिम-बंगाल की राढभूमि और वीरभोम आदि संथाल प्रदेश समझना चाहिये ।
अपापा-पावा का पहले 'अपापा' नाम था, परन्तु महावीर का वहाँ देहान्त हुआ, इस कारण वह 'पापा' कहलाई । विशेष के लिये 'पावा' शब्द
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