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| विणयर (दिनकर) दिननो करनार
तव (स्तव) स्तव-स्तुति सवस्सि (तपस्विन् ) तपस्वी । तस (त्रस) त्रस प्राणी-गति करी
शके तेवा प्राणी तंतु (तन्तु) तांतणो तंबोलिअ (ताम्बूलिक) तंबोळी ताव (ताप) ताव-ताप-तडको तिल (तिल) तल तुम्ह ( युष्मद् ) तुं तुरंगम (तुरंगम) तुरत जनार,
तुरंग-घोडो तेभ ( तेजस् ) तेज तेलिअ (तैलिक) तेली-तेल
__ वेचनार थावर (स्थावर) स्थिर रहेनार- __गति न करी शके ते प्राणी
__वनस्पति वगेरे थेर (स्थविर) स्थिर बुद्धिवाळो
पाकट-वयोवृद्ध-संत दयालु (दयाल) दयालु दवर दोरो दंड (दण्ड) दंड-डांडो-लाकडी दंत (दन्त) दांत दाडिम (दाडिम) दाडम दास (दास) दास दाहिण । (दक्षिण) दक्षिणदक्षिण
दक्षिण-
दुकाल (दुकाल) दुकाळ दुक्खदसि (दुःखदर्शिन् ) दुःखने
जोनार-दुःख पामनार दुम (द्रुम) द्रुम-झाड दुवेइ (द्विवेदिन् ) दवे, दुबे दुस्सीस । (दुश्शिष्य) दुस्सिस्स दुष्ट शिष्य-विद्यार्थी देवज (दैवज्ञ) दैवने जाणनार
जोशी देवर (देवर) देवर-देर-दियर देविंद (देवेन्द्र) देवोनो इन्द्र
देवोनो स्वामी देस (देश) देश देसवर (देशपति) देशाई दोस (दोष) दोष, द्वेष दोसिअ (दौष्यिक) दोशी-दृष्य
वन वेचनार धअ (ध्वज) धजा-ध्वज धणि (धनिन् ) धानवाळो-धणी धन्न (धान्य) धान्य नड (नट) नट नमि (नमि) ते नामनो एक
राजर्षि-नमिराज नमिराय (नमिराज) नमिराज-ते
नामनो मिथिलानो एक राजर्षि