________________
अनुज्ञा
अणुजाणू (अनु + जाना) आपवी - संमति आपवी
१२२
सर्व पुरुष सर्व वचन
एकवचन
क्रियातिपत्ति
ज्यारे परस्पर संकेतवाळां बे वाक्योनुं एक संयुक्त वाक्य बनेलुं होय अने तेमां जणाती बन्ने क्रियाओ कोइ मात्र सांकेतिक क्रिया जेवी अशक्य भासती होय त्यारे क्रियातिपतिनो प्रयोग थाय छे. क्रियातिपत्ति पटले क्रियानी अतिपत्ति - असंभवितता. क्रियानी असंभवितताने सूचववा ज क्रियातिपत्तिनो उपयोग थाय छे.
प्रत्ययो
संवड्द् (सं+वर्ष्) संवर्धन करपोषं - साचव
चिणा ( चिनु) चणवुं - एकटुं क
candi
न्तो, माणो, ज्ज, ज्जा, बहुवचन
भणभणतो, भणमाणो हो-होअतो, होअमाणो होतो, होमाणो
भण्-भणेज्ज, भणेजा
हो-होपज, होएजा, होज, होजा
भणंता, भणमाणा
होता, होअमाणा
[ यादी : - क्रियातिपत्तिनो बहुवचनी प्रयोग वांचवामां के जोवामां नथी आव्यो छतां अहीं जे बहुवचनी रूप बताव्यां के ते मात्र कल्पनाथी समझवानां छे. ]
आकारांत इकारांत ईकारांत उकारांत अने ऊकारांत नामो [ नारीजाति ]
प्राकृतमां आकारांत नामो बे जातनां छेः-केटलांक आकारांत नामोनुं मूळरूप अकारांत होय छे अने नारीजा