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बोकड (बर्कर) बोकडो-बकरो
चेण्ह (चिह्न) चेन-चाळा गम्भ (गर्भ) गाभो
छिद्दय (छिद्रक) छींड पायय (पादक) पायो वंसम (वंशक) वांसो-पीठ
मोत्ति (मौक्तिक) मोती वोज्झ (वय) बोजो
अमिअ (अमृत) अमी-अमृत भारय (भारक) भारो
घय (घृत) घी चित्त (चित्र) एक सारथिनुं नाम
विशेषण लण्ह (लक्ष्ण) नानुं
तिण्ह (तीक्ष्ण) तीj-अणीदार पोअ (प्रोत) परोव्यु-परोवेलु
अहिनव (अभिनव) अवनवु-नवीन पत्त (प्राप्त) पहोत्यु-पहोच्यु
उच्छि ? (उच्छिष्ट) एलु-अजीठ
तंस (त्र्यस्र) त्रांसु-त्रिकोण
अव्यय णवर -नयु-केवळ
तहिं (तत्र) त्यां-तई णाणा (नाना) अनेक प्रकारनु जहिं (यत्र) ज्यां-जई बहिद्धा (बहिर्धा) बहार | कहि (कुत्र) क्या-कई
चउरस ) (चतुरस्र) चोरस
वाक्यो तुं इंडाने न हणजे. पोते पोताने शोध बहार ते पापप्रवृत्तिने न करे.
न भम. हे चित्र ! जा अने हरणने तेनां बधां शल्यो बळो.
शोध. सवारमा तमे सासराने घेर मुनि असंजमने वर्जे.
जजो. तुं चौटामां जा अने दाड- गाभामांथी ब्राह्मणना तल मने लाव.
वेराया.