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अपरिग्रह-सूत्र
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ज्ञानी पुरुष, संयम-साधक उपकरणों के लेने और रखने में कहीं भी किसी भी प्रकार का ममत्व नहीं करते । और तो क्या, अपने शरीर तक पर भी ममता नहीं रखते ।
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are करना, यह / अन्दर रहनेवाले लोभ को झलक है श्रतएव मैं मानता हूँ कि जो साधु मर्यादा विरुद्ध कुछ भी संग्रह करना चाहता है, यह गृहस्थ है -- साधु नहीं है ।