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मङ्गल-सून
नमस्कार
अर्हन्तों को नमस्कार, सिदो को नमस्कार श्राचाया को नमस्कार, उपाध्यायों को नमस्कार,
लगेक (संसार) में सब साधुनों को नमस्कार । -~~यह पञ्च नमार समस्त पापो का नाश करनेवाला है, और मर महलों में प्रथम (मुरर) माल है।
मगल थईन्त मगल है, मिन्ढ साल है।
सायु मगल है, घलो-प्रवपिन अर्थात सर्वज्ञ-कथित धर्म मसाल है।
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