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________________ १०६६ जइ रिक्को तो दवमत्तगम्मि जइ वा कुडी पडालिसु जइ वि अणंतर खेत्तं जइ वि पगासोऽहिगओ जइ वि य उप्पज्जंते जइ वि य न प्पडिसिद्धं जइ वि य पिपीलियाई जइ वि य पुव्वममत्तं जइ वि य फासुगदव्वं जइ वि य सनाममिव जइ वि य होज्ज वियारो जइ वि हु सम्मुप्पाओ जइ स च्चेव य इत्थी जइ संजमो जइ तवो जइ सव्वसो अभावो जइ सव्वे गीयत्था जई सिं कज्जसमत्ती जइ सीसम्मि ण पुंछति जइसे हवेज्ज सत्ती जइधम्मं अकहेत्ता जइभागगया मत्ता जइमं साहुसंसग्गिं क्खो च्चिय होइ तरो जच्चाईहिँ अवन्नं जड्डत्तणेण हंदि जड्डाती तेरिच्छे जड्डे खग्गे महिसे जड्डे महिसे चारी जड्डो जं वा तं वा जलावो परगा जति अकसिणस्स गहणं ५३१० ४८६७ १५२० १२२३ १३८७ २८३९ २८६७ १३४५ २८६६ १३४० २२८६ १११८ २५५३ २०११ ४९४७ २९३७ ४६३१ ६१७२ १६६७ ११३९ २५१५ ५७१५ ४७७६ १३०५ ६४०२ ६२०१ २९२३ १५८९ १५९० ५२९५ ३८७४ भासगाहाणं अकारादिकमो जति अगणिणा उ वसही जति कालगता गणिणी जति किंचि पमाएणं जति जग्गंति सुविहिया जति दोसो तं छिंदति जति निल्लेवमगंधं जति परो पडिसेविज्जा जति बारसवासाई जति भे रोयति गिध जति मं जाणह सामिं जति वाणणिव्वज्जा जति विय महव्वयाई जति समगं दो वतिगा जति सव्वं उद्दिसिउं जत्तियमित्ता वारा जत्तियमेत्ता वारा तो दिसा ग जत्तो दुस्सीला खलु त्तो पाए तं जत्थ अचित्ता पुढव जत्थ अपुव्वोसरणं जत्थ अपुव्वोसरणं जत्थ उ जणेण णातं जत्थ उ देसग्गहणं जत्थ य नत्थि तिणाइं जत्थ वि य गंतुकामा जत्थ विसेसं जाणंति जत्थऽप्पतरा दोसा जत्थऽप्पतरा दोसा जत्थाहिवई सूरो ३७३३ ३७३१ १३६८ ३५२९ ६४२८ १७४० ५७३८ ४७३० १२२० ४१६३ ३२८६ ६२८२ २१०३ ४८६२ ५३४५ ३८५५ ३८३१ ५५३१ २०६५ १५३८ ५६५० ११७७ ११९५ ४१३५ ३३२५ ५५३५ २७८८ २९१० २२७६ २३२२ २०५६
SR No.007788
Book TitleKappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman
Author
PublisherShubhabhilasha Trust
Publication Year2016
Total Pages314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bruhatkalpa
File Size6 MB
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