SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १०१६ एरावई (ऐरावती) ४/३० एव (एव) १/५ एसणागोयर (एषणागोचर ) ६ / १९ ओ ओकसमाण (अवकृष्माण) ६/८ ओगाह (अव + गाह) ओगाहेज्जा ओग्गह (अवग्रह) ओरुभमाण (अवरोहयत्) ६ / ९ ओलित्त (अवलिप्त) २/३,१० ओवुज्झमाण (अपोह्यमान) ६/८ ओहाडिय (अवघाटित) १/१४ क (किम्) कंटय (कन्टक) कंबल (कम्बल) क कट्टु (कृत्वा) कप्प (कृप्)- कप्पइ कप्प (कल्प) कप्पट्ठिति (कल्पस्थिति) कप्पट्ठिय (कल्पस्थित) कप्पाग (कल्पाक) कब्बड (कर्बट) कम्म (कर्मन् ५/१४ १/३८, से ४२, ३/२७ से ३२,३४ १/३९ ६/३,५ १/३८ से ४१,४३ १/३४ १/१ ४/१५, ६/२,१९ ६/२० ४/१५ २/१३ १/६ १/२० कर (कृ)- अकासी १/३७ करभिउत्त (करभ्यागुप्त) २/१० १/३७, २/१७ करेंत (कुर्वत्) करेत्तए (कर्तुम्) करेमाण (कुर्वाण, कुर्वत्) ४/१,२,३ ३/२० कसिण ( कृत्स्न) ३/५,७,१४,१५ काउस्सग (कायोत्सर्ग) ३/१,२१,२२ कारण (कारण) किइकम्म (कृतिकर्मन्) किं (किम्) किच्चा (कृत्या) किट्टित्तए (कीर्तयितुम्) किलंत (क्लान्त) कीव (क्लीव) कुंभ (कुम्भ) कुंभिउत्त (कुम्भ्यागुप्त) कुणाला (कुणाला) कुल (कुल) कुलत्थ कुल कोसंबी (कौशाम्बी) कोसिया (कोशिका) कप्पसुयस्स सद्दकोसो खलु (खलु) खाइम (खाद्य) (कुलिकाकृत,कुड्यीकृत) २/२,३,९,१० कोक्कु (कौकुचित) ६/१९ २/३,१० कोट्ठाउत्त (कोष्ठागुप्त) कोस (क्रोश) ३/३४ १/४७ ४/२९ २/१९, ४/२२ से २४ ३/२० ख १/३४ १/१४ ३/२३ ३/२२, ४/२८ ४/४,५ २/५ २/१० १/४७, ४/३० १ / ३२, ३३, ३८, ४०, ३/१३, ४/१४, २६, १५/११, १२. १५, ४१, २/१ १/३७ १/१९,४२, ३/१,२१, ४/१२,१३,२७,२८ खिंसियवयण (खिंसितवचन) खित्तचित्त (क्षिप्तचित्त) ६/१ ६/१०
SR No.007788
Book TitleKappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman
Author
PublisherShubhabhilasha Trust
Publication Year2016
Total Pages314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bruhatkalpa
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy