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पढमं परिसिटुं
१०१५
६/८
उत्तिंग (उत्तिङ्ग) ४/३१ से ३४ उवस्सय (उपाश्रय) १/१४, १५, २०, उदय (उदक)
२१, २५ से २९, उदीरित्तए (उदीरयितुम्) ६/१
२/१,४ से ८, ३/१, उद्दिट्ट (उद्दिष्ट) ४/२९
२, २९ उद्दिसावेत्तए (उद्देशयितुम्) ४/२२
उवाइणाव (अति + क्रम)उद्देस (उद्देश) ३/१६,१७ उवाइणावेइ
३/३३ उद्देसिय (औद्देशिक) २/२४ से २७ उवाइणाविय (अतिक्रान्त) ४/१२,१३ उप्पिंसवणमाया
उवाइणावेंत (अतिक्रामत्) ३/३३ (उपरिश्रवणमात्रा) ४/३२
उवाइणावेत्तए उवगरणजाय
(अतिक्रमितुम्) ३/३३,४/१२,१३ (उपकरणजात) २/२४ से २७, ४/२५ | उसिण (उष्ण)
५/१२ उवज्झाय (उपाध्याय) ३/१३, ४/१६ से । उसिणोदग (उष्णोदक) २/५
२४,२६,२७ उस्स (दे. अवश्याय) ४/३१ से ३४ उवज्झायत्त (उपाध्यायत्व) ४/१८,२१,१४ उस्सप्प (उत्+सृप्)उवट्ठावेत्तए
उस्सप्पंति (उपस्थापयितुम्) ४/७ उवनिक्खत्त (उपनिक्षिप्त) २/४,५
एग (एक) उवनिक्खिवियव्व
एगंत (एकान्त) ४/११,१३, २५, (उपनिक्षेप्तव्य) ४/२५
५/११.१२ उवनिमंत
एगदुवार (एकद्वार) १/१० (उप + नि + मन्त्रय)
एगनिक्खमणपवेस उवनिमंतेज्जा
१/३८
(एकनिष्क्रमणप्रवेश) १/१० उवसंपज्जित्ताणं
एगपाइया (एकपादिका) ५/१९ (उपसम्पद्य)
४/१६
एगपासिया (एकपार्श्विका) ५/२३ उवसग्गपत्त (उपसर्गप्राप्त) ६/१४
एगयओ (एकतस) १/१०,११ उवसम (उपशम) १/३४
एगराइय (एकरात्रिक) ३/४ उवसम (उप + शम)
एगवगड (दे. एकवकर) १/१० उवसमइ १/३४
१/४५,४६, ५/१५ उवसमेज्जा १/३४
एताव (एतावत्) १/४७ उवसमियव्व
एत्तए (एतुम्)
१/४४ (उपशमितव्य)
१/३४ एत्तो (इतस्)
१/४७
ए