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________________ प्रकरण ३१ : विरामचिह्न व लेखन वैशिष्ट्ये ४९५ ९) दिवस-रात्र :- रत्तिं दिवा य। अहोरत्तं। राइंदियं। राओ दिवसं। अहोणिसं। अहोनिसिं। सायं दिणं। दिया वा राओ वा। १०) महिना :- अद्धमासं-अद्धमासेणं। मासं मासेणं। मासं मासाउ। दिवड्ड मासे वोलीणे। छम्मासा वोलीणा। कइ वि मासा वोलीणा। ११) ऋतु :- पढमसरयकालसमयंसि। गिम्हकालम्मि। गिण्हकालसमयंसि। पत्ते पाउसकाले। १२) वर्ष :- एवं गयाणि बारस संवच्छराणि। वरिसवरिसं। १३) जीवन :- इह भवे। जावज्जीवं। जावज्जीवाए। आमरणं। १४) मरण :- मरणकालसमयंसि। मरणे उवट्ठिए वि। कालं किच्चा। कालं काऊण। कालमासे कालं किच्चा। कालधम्मुणा संजुत्ते। कालगओ। पंचत्तं गओ। पंचत्तं उवगओ। पंचत्तं संपत्तो। निहणं गओ। १५) सामान्यपणे :१) खणमेत्तेण। तक्खणं चिय। २) थेववेलाए। थेवकालेण। कालेण अप्पेण। ३) उचियसमयंसि। उचियम्मि समयम्मि। ४) अन्नया कयाइ। अह अन्नया कयाइ। ५) दोहलकालसमयंसि। ६) पत्ते भिक्खाकाले। ७) तेणं कालेणं तेणं समएणं। अईयसमयम्मि। ८) इय काले वच्चंते। एवं च काले वच्चंतम्मि। एवं च वोलंतम्मि काले। वोलीणो बहु कालो। एवं पभूयकालो बोलीया। अउक्तो कोइ कालो। गओ कोइ कालो। एवं च अइक्कंतो कोइ कालो। एवं कालो वच्चइ। कालक्कमेण। (आ) स्थलदर्शक :१) नासन्ने नाइदूरम्मि। नच्चासन्ने नाइदूरे। २) विसमे पएसे। कत्थ वि विसए। अन्नत्थ कत्थ वि। ३) इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे। ४) अस्सिं लोए। इह परलोए। अस्सिं लोए परत्थ य। घोरे संसारे। ५) नयरीए बहिना। नयरस्स बहिना। पुरस्स बाहिं।
SR No.007784
Book TitleArdhamagdhi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK V Apte
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2015
Total Pages513
LanguageMarathi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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