SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 117
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ११६ अर्धमागधी व्याकरण (५) श्च : निश्चल=निच्चल (६) त्व : चत्वर=चच्चर (७) थ्य : तश्य=तच्च (८) ज्य : व्रज्यते वच्चइ? (९) क्त्व : भुक्त्वा भोच्चा (६) च्छ : (१) क्ष : अक्षि=अच्छि (२) त्स : वत्स वच्छ (३) थ्य : मिथ्या मिच्छा (४) प्स : अप्सरस्=अच्छरा (५) र्छ : मूर्छा=मुच्छा (६) श्च : पश्चात् पच्छा (७) च्छ्र : कृच्छ्र=किच्छ (८) त्स्य : मत्स्य मच्छ (९) श्र : श्रेयस् छेयं (१०) ष्व : पितृष्वसा=पिउच्छा (११) क्ष्म : लक्ष्मी लच्छी (१२) क्ष्य : दुष्प्रेक्ष्य=दुप्पेच्छ (१३) त्क्ष : उत्क्षुभ्यति=४ उच्छुभइ (१४) स्त : आस्तरक =अच्छरय (७) ज्ज : (१) ज्य : राज्य-रज (२) ज्र : वज्र वज्ज (३) ज्व : प्रज्वलित=पज्जलिय (४) ड्ज : षड्जीव छज्जीव (५) द्य : मद्य मज्ज १ २ ४ सेन, पृ. २९ वैद्य, पृ. २६ पिशेल, पृ. २२० ३ सेन, पृ. ३० ५ गांधी, पृ. ४२
SR No.007784
Book TitleArdhamagdhi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK V Apte
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2015
Total Pages513
LanguageMarathi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy