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अनुक्रमणिका
लेख
श्री वीरनाथ को वन्दना..
महावीर सन्देश सम्यग्दर्शन...
आज ही अनुभव कर सन्तों का तुझे आशीर्वाद है.
सुखी होने का आशीर्वाद..
इष्ट की प्राप्ति का उपदेश..
सम्यग्दर्शन की आराधना का उपदेश ...
केवली भगवान की क्षायिकी क्रिया..
सम्यक्त्व महिमा...
आत्मसाधना के लिये उपयोगी बात..
सिद्धत्व के हेतुभूत भावना.. भाई - बहन की धर्मचर्चा..
स्वभाव-अवलम्बी ज्ञान की अगाध ताकत.
तत्त्वचर्चा..
धर्मी को सम्यक्त्वधारा निरन्तर चालू है.... धन्य है उनको... जो स्वानुभव की चर्चा करते हैं.. सम्यग्दृष्टि का समस्त ज्ञान सम्यक् है...
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Shree Kundkund - Kahan Parmarthik Trust, Mumbai.
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'केवलज्ञान का टुकड़ा ..
निर्विकल्प-स्वानुभूति होने का सुन्दर वर्णन ..... निर्विकल्प अनुभव के समय की स्थिति का वर्णन..
स्वानुभूति का रंग चढ़ जाये- ऐसी बात.....
स्वानुभवज्ञान और उस समय के विशिष्ट आनन्द का वर्णन 83
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