________________
www.vitragvani.com
64]
[सम्यग्दर्शन : भाग-5
इसका नाम वज्रघोष है; यह हाथी इस वन का राजा है और भान बिना जंगल में भटक रहा है। सुन्दर वन में एक बड़ा सरोवर है; उसमें हाथी रोज नहाता है, वन के मीठे फल-फूल खाता है और हथनियों के साथ रमता है। निर्जन वन में मनुष्य कभी-कभी ही दिखायी देते हैं।
સદ રાખ 1
'हाथी मैं नहीं, क्रोध मैं नहीं, मैं शान्त चेतनारूप हूँ-ऐसे अनुभव
से आत्मसाधना करके हाथी का जीव परमात्मा बना।'
Shree Kundkund-Kahan Parmarthik Trust, Mumbai.