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लेख सम्यक्त्व-प्रेरक १०८ सुगम प्रश्नोत्तर.. सम्यक्त्व के पिपासु की एक ही धुन............... स्वभाव की महिमा का घोलन करते-करते.. सम्यग्दर्शन : उस सम्बन्धी मुमुक्षुओं का घोलन.......... आत्मसन्मुख जीव की सम्यक्त्व साधना.. परमात्मस्वरूप का आह्वान करता सम्यग्दर्शन प्रगट होता है...... सच्ची शान्ति की शोध में........... सम्यक्त्वसन्मुख जीव की अद्भुत दशा........ अन्ततः उसका साक्षात् अनुभव करता है. जय हो सम्यग्दर्शन धर्म की!............... परमात्मा का पुत्र............... सम्यग्दृष्टि की उज्ज्वल परिणाम. मैं तो ज्ञातादृष्टा हूँ..
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