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Verse 88
भोजनवाहनशयनस्नानपवित्राङ्गरागकुसुमेषु । ताम्बूलवसनभूषणमन्मथसंगीतगीतेषु ॥८८ ॥ अद्य दिवा रजनी वा पक्षो मासस्तथर्तुरयनं वा । इति कालपरिच्छित्त्या प्रत्याख्यानं भवेन्नियमः ॥८९॥
सामान्यार्थ - भोजन, सवारी, शयन, स्नान, पवित्र अंगविलेपन, पुष्प, तथा पान, वस्त्र, आभूषण, कामसेवन, संगीत और गीत के विषय में - आज, एक दिन, एक रात्रि, अथवा एक पक्ष, एक मास, एक ऋतु (दो मास), अथवा एक अयन (छः मास), इस प्रकार समय के विभाग पूर्वक त्याग करना भोगोपभोग परिमाणव्रत में नियम होता है।
Imposing time restrictions, say, for stipulated hours, for a day, for a night, for a fortnight, for a month, for a couple of months, or for six months, on activities or objects such as food, conveyance, couch, bathing, toiletry, flowers, betel leaf, clothes, ornaments, sexual intercourse, danceroom music, and singing, is called a niyama.
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