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श्री संवत्सरी प्रतिक्रमण विधि सहित
(इस तरह छह आवश्यकको याद करना)
सांध्य प्रतिक्रमणके समय छह आवश्यककी पूर्णाहूतिका हर्ष व्यक्त करनेके लिए गुणगर्भित प्रभुकी स्तुि
'इच्छामो अणुसट्ठि’ नमो खमासमणाणं
आपका अनुशासन ईच्छता हुँ । क्षमाश्रमणको नमस्कार हो ।
पंचपरमेष्ठिको नमस्कार
नमोर्हत् सिद्धा-चार्यो- पाध्याय सर्व साधुभ्यः ।
( यह सूत्र स्त्रीयाँ कभी भी नहीं बोले )
अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और सर्व साधुओं को नमस्कार हो ।
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(प्रतिक्रमणकी पूर्णाहूतिके हर्षोल्लास के लिए यह थोय पुरुष वर्गे को बोलनी है)
नमोस्तु वर्धमानाय
नमोस्तु वर्द्धमानाय, स्पर्द्धमानाय कर्मणा.
तज्जया वाप्त मोक्षाय, परोक्षाय कुतीर्थिनाम्
- (१)
येषां विकचा रविन्द राज्या, ज्यायः क्रम कमलावलिं दधत्या.