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श्री संवत्सरी प्रतिक्रमण विधि सहित
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देवसिअ आलोइअ पडिक्कंता
इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! PCS संवच्छरी मुहपत्ति पडिलेहुं ?
"इच्छं'
दिवस संबंधी हुए दुष्कृत्योकी आलोचना करना, हे भगवंत, संवत्सरी मुहपत्ति पडिलेहुं ? आज्ञा मान्य है । (कहके मुहपत्ति पडिलेहण करें। फिर दो बार वांदणा दीजिए ।)
मुहपत्ति पडिलेहणके २५ बोल १- सूत्र, अर्थ, तत्त्व करी सद्दहुं, २ - सम्यक्त्व मोहनीय, ३- मिश्र मोहनीय,
४- मिथ्यात्व मोहनीय परिहरु, ५- काम राग, ६- स्नेह राग,
७- दृष्टि राग परिहरे,
- सुदेव,
८- सुदेव, ९- सुगुरु, १०- सुधर्म आदएं, ११- कुदेव, १२- कुगुरु, १३- कुधर्म परिहरु, १४- ज्ञान, १५- दर्शन, १६- चारित्र आदरं, १७- ज्ञान विराधना, १८- दर्शन विराधना,
१९- चारित्र विराधना परिहरे, २०- मनगुप्ति, २१- वचनगुप्ति,
२२- कायगुप्ति आदएं,