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श्री संवत्सरी प्रतिक्रमण विधि सहित
८१ अतिशय उपयोगी, बहुत कम शब्दोमें अगाध पापोकी आलोचना
इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! र देवसिअ पडिक्कमणे ठाउं ?
इच्छं (१) हे भगवंत, आप आज्ञा दो, दिवस संबंधी पापोका प्रतिक्रमण करूं? आज्ञा मान्य है। (१) (दायें हाथकी मुष्टी चरवला या कटासणा पर स्थापित करके)
(प्रतिक्रमण स्थापना सूत्र) मन, वचन कायाकी दुष्ट प्रवृत्तिके दोषोकी माफी मांगना
सव्वस्सवि देवसिअ, । दुच्चिंतिअ, दुब्भासिअ, दुच्चिट्ठिअ, इच्छाकारेण संदिसह भगवन् !
इच्छं, तस्स मिच्छामि दुक्कडं. हे भगवन् ! इच्छासे आज्ञा दिजिए, दिवस संबंधी पापसे विमुख होउं । दुष्ट चिंतन, दुष्ट भाषण और दुष्ट प्रवृत्ति संबंधी दिन में लगे सर्व अतिचारों का प्रतिक्रमण करने के लिये हे भगवान ! आप आज्ञा प्रदान करो | मैं आपकी आज्ञा स्वीकार करता हूँ | मेरे वे दुष्कृत्य मिथ्या हों |(१)
सामायिक महासूत्र करेमि भंते ! सामाइयं! सावज्जं जोगं पच्चक्खामि | जाव नियमं पज्जुवासामि,