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ACKNOWLEDGMENT
ll that is contained in this book has been excerpted, translated or I adapted from a number of authentic Jaina texts. Due care has been taken to conserve the essence of Svayambhūstotra – the Holy Scripture composed by Acārya Samantabhadra. Contribution of the following publications in the preparation of the present volume is gratefully acknowledged:
1. आचार्य समन्तभद्र विरचित स्वयम्भूस्तोत्र (संस्कृत टीका श्री
प्रभाचन्द्राचार्य), हिन्दी पद्यानुवाद एवं दोहा स्तुति - आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज, हिन्दी टीका - पं. पन्नालाल जी 'साहित्याचार्य', (2011), आगम
प्रकाशन, 5373, जैनपुरी, रेवाड़ी (हरियाणा). 2. पं. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर', श्रीमत्स्वामि समन्तभद्राचार्य विरचित
चतुर्विंशति-जिन-स्तवनात्मक स्वयम्भूस्तोत्र (स्तुतिपरक जैनागम),
(1951), वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, जिला सहारनपुर. 3. पं. पन्नालाल जी 'साहित्याचार्य', आचार्य समन्तभद्र विरचित स्वयम्भूस्तोत्र
(संस्कृत टीका श्री प्रभाचन्द्राचार्य), (1995), भारतवर्षीय अनेकान्त
विद्वत्परिषद्. 4. प्रो. उदयचन्द्र जैन, आचार्य समन्तभद्र विरचित स्वयम्भूस्तोत्र की
तत्त्वप्रदीपिका व्याख्या, (1993), श्री गणेश वर्णी दि. जैन (शोध) संस्थान,
वाराणसी-221005. 5. ब्र. पं. विद्याभूषण सेठी, डॉ. यतीन्द्र कुमार जैन शास्त्री, श्री योगीन्दुदेव
विरचित श्री परमात्म प्रकाश एवं श्री समन्तभद्र आचार्य विरचित
बृहद्-स्वयम्भूस्तोत्र, (1979), श्री दिगम्बर जैन समाज, कुकनवाली, राजस्थान. 6. पं. जुगलकिशोर मुख्तार, श्रीसमन्तभद्रस्वामिविरचितो रत्नकरण्डक
श्रावकाचारः, (1925), मणिकचन्द्र दि. जैनग्रन्थमालासमितिः, हीराबाग,
गिरगाँव, बम्बई. 7. Chakravarti Nayanar, A. (Prof.), “Ācārya Kundakunda's
Pancāstikāya-Sāra”, (2009), Bharatiya Jnanpith, 18 Institutional Area, Lodi Road, New Delhi, Third Edition.
(xi)