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13) आचारांग 2.1, पिण्डैषणा 14) सोमदेव, यशस्तिलकचम्पू, उपासकाध्ययन, कारिका 136-140 15) सूतक-पातक, जैनेन्द्र-सिद्धान्त-कोश pp. 442-443 16) जैनेन्द्र-सिद्धान्त-कोश pp. 149-153 17) The categories of shalaakaapurushas as teerthamkara etc. are mentioned systematically in
Kummaaputtachariya, verse 49
List of Reference-Books A] Original Sourses (English Alphabets) 1) आचारांगसूत्र : सं.अमोलकऋषिजी, अमोल जैन ज्ञानालय, धुळे (महाराष्ट्र), २००६ 2) महापुराण : जिनसेन-गुणभद्र, सं. पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५४ 3) पुरुषार्थसिद्धयुपाय : अमृतचंद्र, क्षुल्लक धर्मानन्द, सुरेश जैन, नई देहली, १९८९ 4) तत्त्वार्थसूत्र : उमास्वाति, सं. सुखलाल संघवी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, १९७६ 5) Tattvarth Sutra - That Which Is: Nathmal Tatia, Motilal Banarasidass, 2007 6) उत्तराध्ययन (उत्तरज्झयण) : सं. मुनिपुण्यविजय, महावीर जैन विद्यालय, मुंबई, १९७७
B] Secondary Sources (English Alphabets) 1) Collected Papers on Jaina Studies: P.S.Jaini, Motilal Banarasidass, Delhi, 2000 2) Collected Research Papers in Prakrit and Jainology: Ed.Nalini Joshi, H.N.Jain Chair,
Uni. Pune, Sanmati-Teerth Prakashan, Pune, 2008 3) दर्शन और चिन्तन : पं. सुखलालजी संघवी, गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद, १९५७ 4) Jainism - the World of Conquerors (Vol. I & II): Natubhai Shah, Motilal Banarasidass,
Delhi, 2004 5) जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश (भाग १-४) : क्षु.जिनेन्द्र वर्णी, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, २००९ 6) Open Boundaries: Ed.J.E.Cort, Sri Satguru Publications, IBC, Delhi, 1998