________________
कम्मधारयसमासे-धवलो वसहो धवलवसहो, किण्हो मिगो किण्हमिगो, सेतो पटो सेतपटो, रत्तो पटो रत्तपटो। से तं कम्मधारयसमासे।
२९७. (प्र.) कर्मधारय समास क्या है ?
(उ.) कर्मधारय समास-(जिस समास में उपमान-उपमेय तथा विशेषण-विशेष्य का बराबर सम्बन्ध होता है) का स्वरूप इस प्रकार है-'धवलो वृषभः-धवलवृषभः' (श्वेत वृषभ), 'कृष्णो मृगः-कृष्णमृगः' (काला मृग), 'श्वेतः पट:-श्वेतपटः' (श्वेत वस्त्र), 'रक्तः पट:-रक्तपटः' (लाल पट)। यह कर्मधारय समास का उदाहरण है। (C) KARMADHARAYA SAMASA
297. (Q.) What is this Karmadharaya samasa (descriptive determinative compound)? ___(Ans.) The (examples of) Karmadharaya samasa (descriptive determinative compound or a compound where subject and object of comparison or noun and adjective have determinative relationship) are as follows-Dhavalo (white) Vrishabhah-(bull) Dhaval-urishabhah-A white bull is white-bull, Krishno (black) Mrigah (deer)-Krishna-mrigah-A black deer is black-deer, Shvetah (white) Patah (cloth)-Shvet-patah-A white cloth is white-cloth, Raktah (red) Patah (cloth)-Rakta-patah—A red cloth is red-cloth.
This concludes the description of Karmadharaya samasa or descriptive determinative compound. (घ) द्विगु समास ___ २९८. से किं तं दिगुसमासे ?
दिगुसमासे-तिण्णि कडुगा तिकडुगं, तिण्णि महुराणि तिमहुरं, तिण्णि गुणा तिगुणं, तिण्णि पुराणि तिरं, तिण्णि सराणि तिसरं, तिण्णि पुक्खराणि तिपुक्खरं, तिण्णि बिंदुयाणि तिबिंदुयं, तिण्णि पहा तिपहं, पंच णदीओ पंचणदं, सत्त गया सत्तगयं, नव तुरगा नवतुरगं, दस गामा दसगामं, दस पुराणि दसपुरं। से तं दिगुसमासे।
२९८. (प्र.) द्विगु समास किसे कहते हैं ?
(जिस तत्पुरुष समास में पूर्व पद संख्यावाचक होता है, वह 'द्विगु समास' कहलाता है।) सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
(38)
Illustrated Anuyogadvar Sutro-2
.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org