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attitude). This also concludes the description of Samyogena naam (name derived due to association). (१०) प्रमाणेननाम
२८२. से किं तं पमाणेणं ?
पमाणेणं चउबिहे पण्णत्ते। तं जहा-१. णामप्पमाणे, २. ठवणप्पमाणे, ३. दब्बप्पमाणे, ४. भावप्पमाणे।
२८२. (प्र.) प्रमाण से निष्पन्ननाम क्या हैं ?
(उ.) प्रमाणनिष्पन्ननाम चार प्रकार के हैं-(१) नामप्रमाण से निष्पन्न, (२) स्थापनाप्रमाण से निष्पन्न, (३) द्रव्यप्रमाण से निष्पन्न, और (४) भावप्रमाण से निष्पन्न।
विवेचन-जिसके द्वारा वस्तु का निश्चय किया जाता है तथा जो सम्यग् निर्णय का कारण हो उसे प्रमाण कहते है। प्रमाणनाम के नाम, स्थापना आदि चार भेद हो जाते है। उनका क्रमानुसार आगे वर्णन किया जा रहा है। (10) PRAMANENA NAAM
282. (Q.) What is this Pramanena naam (authenticated or validated name)? ___ (Ans.) Pramanena naam (authenticated or validated name or a name that has an evidence of validity from some specific source) is of four kinds—(1) Naam pramana (pramana as name), (2) Sthapana pramana (notional installation as validity), (3) Dravya pramana (physical aspect of validity), and (4) Bhaava pramana (pramana as essence or perfect validity).
Elaboration-That which validates a thing and is the basis of correct conclusion is called pramana (evidence of validity). Based on the process of disquisition there are four types of pramana, including naam and sthapana. The description of these follows.
२८३. से किं तं नामप्पमाणे ?
नामप्पमाणे जस्स णं जीवस्स वा अजीवस्स वा जीवाण वा अजीवाण वा तदुभयस्स वा तदुभयाण वा पमाणे त्ति णामं कज्जति। से तं नामप्पमाणे।
२८३. (प्र.) नामप्रमाण से होने वाला नाम क्या है?
सचित्र अनुयोगद्वार मत्र-२
(22)
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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