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___ जो राज्य-वैभव का परित्याग करके दीक्षित हो गया है और दीक्षित होकर कामक्रोध आदि महाशत्रुओं का निग्रह करता है-उनका दमन तथा विनाश करता है, वह महावीर है।।६५॥ 1. VIRA-RASA
262. (2) Of these (nine rasas) the characteristics of Virarasa (heroic sentiment) are (1) absence of pride or repentance in giving charity, (2) patience and perseverance in austerities, and (3) valour in destroying enemies. (64)
The example of Vira-rasa (heroic sentiment) is
He indeed is a great hero (mahavir) who, after renouncing his kingdom and becoming an ascetic, subdues and destroys great enemies like lust and anger. (65) २. शृंगाररस (३) सिंगारो नाम रसो रतिसंजोगाभिलाससंजणणो।
मंडण-विलास-विब्बोय-हास-लीला-रमणलिंगो॥६६॥ २६२. (३) रति और संयोग (मिलन) की अभिलाषा से शृंगार रस उत्पन्न होता है। मंडन (अलंकार), विलास (कामोत्तजक चेष्टाएँ) तथा विब्बोक (काम क्रीड़ा की प्रवृत्ति) हास्य, लीला और रमण ये सभी शृंगाररस के लक्षण हैं।।६६ ।। सिंगारो रसो जहा
महुरं विलासललियं हिययुम्मादणकरं जुवाणाणं।
सामा सदुद्दामं दाएती मेहलादामं॥६७॥ शृंगाररस का उदाहरण है
कोई मनोहर श्यामा (सोलह वर्ष की तरुणी) मधुर विलास से ललित, युवकों के हृदय को उन्मत्त करने वाले अपने घुघरू के शब्दों से मुखर मेखला सूत्र का प्रदर्शन करती है ॥६५॥ 2. SHRINGAR-RASA
262. (3) The Shringar-rasa (amatory or erotic sentiment) is born out of indulgence and the desire for union with नवरस प्रकरण
( ४२७ ) The Discussion on Nine-Sentiments
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