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विभक्ति प्रकरण THE DISCUSSION ON DECLENSION
२६१. (१) से किं तं अट्ठनामे ?
अट्ठनामे अट्ठविहा वयणविभत्ती पण्णत्ता। तं जहा(१) निद्देसे पढमा होति, (२) बितिया उवएसणे। (३) तइया करणम्मि कया, (४) चउत्थी संपयावणे॥५७॥ (५) पंचमी य अपायाणे, (६) छट्ठी सस्सामिवायणे।
(७) सत्तमी सन्निहणत्थे, (८) अट्ठमाऽऽमंतणी भवे॥५८॥ २६१. (प्रश्न १) वह अष्टनाम क्या है? (उत्तर) आठ प्रकार की वचन विभक्तियों को अष्टनाम कहते हैं। वचनविभक्ति के वे आठ प्रकार यह हैं(१) निर्देश-अर्थ में प्रथमा विभक्ति होती है। (२) उपदेश में द्वितीया विभक्ति होती है। (३) क्रिया के साधकतम करण में तृतीया विभक्ति, (४) सम्प्रदान में चतुर्थी विभक्ति होती है। (५) अपादान (पृथक्ता) बताने के अर्थ में पंचमी विभक्ति, (६) स्व-स्वामित्वकथन करने के अर्थ में षष्ठी विभक्ति। (७) सन्निधान (आधार) का कथन करने के अर्थ में सप्तमी विभक्ति, तथा (८) आमंत्रण के अर्थ में अष्टमी विभक्ति होती है॥५७, ५८॥
261. (Question 1) What is this Aath nama (Eightnamed)?
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अनुयोगद्वार सूत्र
( ४१८ )
Illustrated Anuyogadvar Sutra
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