________________
(Answer) Audayik-bhaava (culminated state) is of two types—(1) Udaya and ( 2 ) Udayanishpanna.
२३५. से किं तं उदए ?
उदए अट्ठण्हं कम्मपगडीणं उदएणं ।
२३५. (प्रश्न) उदय क्या है ?
(उत्तर) ज्ञानावरणादिक आठ कर्मप्रकृतियों का उदय होता है। उदय से होने वाला औदयिकभाव है।
235. (Question) What is this Udaya (culmination) ?
(Answer) Jnanavaran and other seven natures of karma undergo fruition. The state produced by this fruition is called Audayik-bhaava.
२३६. से किं तं उदयनिप्फण्णे ?
उदयनिप्फण्णे दुविहे पण्णत्ते ।
(२) अजीवोदयनिप्पन्ने य ।
२३६. (प्रश्न) उदयनिष्पन्न औदयिकभाव क्या है ?
तं
( उत्तर ) उदय निष्पन्न औदयिकभाव के दो प्रकार हैं - ( १ ) जीवोदयनिष्पन्न, (२) अजीवोदयनिष्पन्न ।
जहा - ( १ ) जीवोदयनिप्फन्ने य,
236. (Question ) What is this Udayanishpanna Audayikbhaava (culminated state caused by fruition)?
(Answer) Udayanishpanna Audayik-bhaava (culminated state caused by fruition) is of two types – ( 1 ) Jivodaya - nishpanna (culminated state manifesting directly in soul) and (2) Ajivodaya - nishpanna ( culminated state caused by non-being).
भाव प्रकरण
विवेचन- ये तीन सूत्र औदयिकभाव निरूपण की भूमिका हैं। ज्ञानावरणादि आठ कर्मों का उदय और कर्मों के उदय से होने वाला भाव - अवस्थाएँ - पर्याय औदयिकभाव है जो उदय में आकर किसी अन्य पर्याय को जन्म देता है।
( ३५३ )
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
The Discussion on Bhaava
www.jainelibrary.org