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आकारंता माला ईकारंता सिरी य लच्छी य। ऊकारंता जंबू वहू य अंता उ इत्थीणं॥२२॥ अंकारंतं धन्नं इंकारंतं नपुंसकं अच्छिं।
उंकारंतं पीलूं महुं च अंता णपुंसाणं॥२३॥ से तं तिणामे।
२२६. त्रिनाम के पुनः तीन प्रकार हैं। जैसे-(१) स्त्रीनाम, (२) पुरुषनाम, और (३) नपुंसकनाम। इन तीनों प्रकार के नामों का बोध उनके अन्त्याक्षरों द्वारा होता है॥१८॥ जैसे
पुल्लिंगवाची नामों के अन्त में 'आ, ई, ऊ, ओ' इन चार में से कोई एक वर्ण (प्रत्यय) होता है तथा स्त्री लिंगवाची नामों के अन्त में 'ओ' को छोड़कर शेष तीन (आ, ई, ऊ) वर्ण होते हैं ॥१९॥
नपुंसकलिंग वाची शब्दों के अन्त में अं, इं या उं वर्ण जानना चाहिए। अब इन तीनों के उदाहरण कहता हूँ॥२०॥
पुल्लिंगवाची आकारान्त नाम का उदाहरण राया (राजा) है। ईकारान्त का उदाहरण-गिरी (गिरि) तथा सिहरी (शिखरी) हैं ऊकारान्त का उदाहरण विण्हू (विष्णु)
और ओकारान्त का दुमो (द्रुमो-वृक्ष) है ॥२१॥ ___ स्त्रीलिंगवाची नाम में-'माला' यह आकारान्त का, सिरी (श्री) और लच्छी (लक्ष्मी) ईकारान्त, जम्बू (जामुन वृक्ष), बहू, (वधू) ऊकारान्त नारी जाति के (नामों के) उदाहरण हैं ॥२२॥ ___ नपुंसकलिंगवाची नाम का उदाहरण है। धनं (धान्य) यह अंकारान्त। अच्छिं (अक्षि) यह इंकारान्त तथा पीतुं (पीलु-वृक्ष विशेष) महुं (मधु) ये उंकारान्त नपुंसकनाम के पद हैं॥२३॥
इस प्रकार यह त्रिनाम का स्वरूप है। ANOTHER TYPE OF TRINAMA
226. Also there are another three types of Trinama __ (tri-name) (1) Stree-nama (feminine-name), (2) Purushनामाधिकार प्रकरण
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The Discussion on Nama
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