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marta
ॐ...
(१३) अविसेसिए देवे, विसेसिए भवणवासी वाणमंतरे जोइसिए वेमाणिए य।
अविसेसिए भवणवासी, विसेसिए असुरकुमारे एवं नाग. सुवण्ण. विजु. अग्गि. दीव. उदधि. दिसा. वात. थणियकुमारे। ___ सबेसि पि अविसेसिय-विसेसिय-पज्जत्तय-अपज्जत्तयभेया भाणियव्वा।
(१३) देव नाम को अविशेषित मानने पर उसके अवान्तर भेद भवनवासी, वाणव्यंतर, ज्योतिष्क और वैमानिक यह देवनाम कहलायेंगे।
यदि उक्त देवभेदों में से भवनवासी नाम को अविशेषित माना जाये तो असुरकुमार, नागकुमार, सुपर्णकुमार, विद्युत्कुमार, अग्निकुमार, द्वीपकुमार, उदधिकुमार, दिक्कुमार, वायुकुमार और स्तनितकुमार ये नाम विशेषित हैं।
इन सब नामों में से भी प्रत्येक को यदि अविशेषित माना जाये तो उन सबके पर्याप्त और अपर्याप्त भेद विशेषित नाम कहलायेंगे। ___ (13) When Deva (god or divine being) is taken to be a general name, the specific names are–Bhavan-vasi (mansion residing god), Vanavyantar (interstitial god), Jyotishk (stellar god), and Vaimanik (god endowed with celestial vehicles) ___When Bhavan-vasi (mansion residing god) is taken to be a general name, the specific names are--Asur-kumar, Naagkumar, Suparn-kumar, Vudyut-kumar, Agni-kumar, Dveepkumar, Udadhi-kumar, Dik-kumar, Vayu-kumar, and Stanit-kumar.
When each one of these is taken to be a general name, the specific names would be their fully developed and underdeveloped forms.
(१४) अविसेसिए वाणमंतरे, विसेसिए पिसाए भूते जक्खे रक्खसे किण्णरे किंपुरिसे महोरगे गंधव्ये। ____एतेसिं पि अविसेसिय-विसेसिय-पज्जत्तय-अपज्जत्तयभेया-भाणियव्वा। अनुयोगद्वार सूत्र
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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