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नामाधिकार प्रकरण THE DISCUSSION ON NAMA
सूत्र-१२ में उपक्रम के आनुपूर्वी, नाम, प्रमाण, वक्तव्यता, अर्थाधिकार तथा समवतारइन छह भेदों का वर्णन करने का कथन किया गया है। आनुपूर्वी के सभी भेदों का वर्णन किया जा चुका है। अब नाम आदि का वर्णन प्रारम्भ कर रहे हैं।
It has been stated in aphorism 92 that six categories of Upakram, namely Anupurvi, Nama, Pramana, Vaktavyata, Arthandhikara, and Samavatar, will be discussed. Discussion on all the kinds of Anupurvis has been concluded. Now the discussion on Nama is being taken up.
नाम
२०८. से किं तं णामे ?
णामे दसविहे पण्णत्ते। तं जहा-(१) एगणामे, (२) दुणामे, (३) तिणामे, (४) चउणामे, (५) पंचणामे, (६) छणामे, (७) सत्तणामे, (८) अट्ठणामे, (९) नवणामे, (१०) दसणामे।
२०८. (प्रश्न) वह नाम क्या है?
(उत्तर) नाम के दस प्रकार हैं-(१) एक नाम, (२) दो नाम, (३) तीन नाम, (४) चार नाम, (५) पाँच नाम, (६) छह नाम, (७) सात नाम, (८) आठ नाम, (९) नौ नाम, (१०) दस नाम।
NAMA
208. (Question) What is this nama ?
(Answer) Nama (name) is of ten types—(1) Eka nama (one-named), (2) Do nama or Dvinama (Two-named or binamed), (3) Teen nama or Trinama (Three-named or trinamed), (4) Char nama or Chaturnama (Four-named), (5) Panch. nama (Five-named), (6) Chhaha nama (Sixअनुयोगद्वार सूत्र
( ३१० ) Illustrated Anuyogadvar Sutra
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