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(४) से किं तं अणाणुपुबी ?
अणाणुपुबी एयाए चेव एगादियाए एगुत्तरियाए अणंतगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणे। से तं अणाणुपुब्बी। से तं ओवणिहिया कालाणुपुबी। से तं कालाणुपुवी।
२०२. (प्रश्न ४) अनानुपूर्वी क्या है ? (उत्तर) इन्हीं समयादि की एक से प्रारम्भ कर एकोत्तर वृद्धि द्वारा सर्वकाल पर्यन्त की श्रेणी स्थापित कर परस्पर गुणाकार से निष्पन्न राशि में से आदि और अन्तिम दो भंगों को कम करने के बाद बचे शेष भंग अनानुपूर्वी हैं। ___ औपनिधिकी कालानुपूर्वी का वर्णन पूर्ण हुआ। कालानुपूर्वी का वर्णन पूर्ण हुआ।
202. (Question 4) What is this Ananupurvi ?
(Answer) Place numbers starting from one and progressively adding one up to sarvakaal. Multiply all the numbers of this arithmetic progression and subtract 2 (depicting the ascending and descending sequence) from the result. This final result is called ananupurvi (random sequence).
This concludes the description of ananupurvi (random sequence). This concludes the description of Aupanidhiki kaal-anupurvi (orderly time-sequence). This also concludes the description of kaal-anupurvi (time-sequence). उत्कीर्तनानुपूर्वी निरूपण
२०३. (१) से किं तं उक्कित्तणाणुपुब्बी ?
उक्कित्तणाणुपुबी तिविहा पण्णत्ता। तं जहा-(१) पुवाणुपुब्बी, (२) पच्छाणुपुब्बी, (३) अणाणुपुब्बी। __२०३. (प्रश्न १) उत्कीर्तनानुपूर्वी क्या है ?
(उत्तर) उत्कीर्तनानुपूर्वी के तीन प्रकार हैं। यथा-(१) पूर्वानुपूर्वी, (२) पश्चानुपूर्वी, (३) अनानुपूर्वी। अनुयोगद्वार सूत्र
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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